AutoCAD in Hindi | ऑटोकैड हिंदी में | ऑटोकैड का पूरा नाम | ऑटोकैड का इतिहास | ऑटोकैड का कार्य | ऑटोकैड के कोर्स | ऑटोकैड के मुख्य क्षेत्र | ऑटोकैड के फायदे | ऑटोकैड क्या है | ऑटोकैड के प्रकार | ऑटोकैड क्या होता है | Autocad Kya H | autocad क्या है और कैसे सीखें | Autocad Kya Hai Hindi Me | Autocad Kya H in Hindi | ऑटोकैड कोर्स क्या है
वर्तमान समय में ऑटोकैड का क्षेत्र तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिसके माध्यम से एक अच्छे कैरियर को चुना जा सकता है. जब भी किसी भवन का निर्माण किया जाता है तो उसके लिए पहले उसका नक्शा तैयार किया जाता है. जिसके लिए किसी डिजाइनिंग कम्पनी या इंजिनियर से डिज़ाइन करवाना होता है. जो लोग इस कार्य को करते है. उन्हें ये अच्छी तरह से पता है की इस क्षेत्र में रोजगार के कितने तरीके है.
ऑटोकैड हिंदी में
ऑटोकैड एक ऐसा सॉफ्टवेयर है. जिसका उपयोग भवनों की डिज़ाइन के साथ साथ मैकेनिकल कार्यो जैसे मशीनों की डिज़ाइन और चित्रों को बनाने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग ज्यादातर इंजीनियरिंग , ग्राफ़िक्स और विजुअल डिजाइनिंग से सम्बंधित किसी उच्च शिक्षा को ग्रहण करने वाले विद्यार्थी करते है. ये सॉफ्टवेयर अपनी आवश्यकतानुसार ही आउटपुट देता है. इसमें किसी भी डिज़ाइन को बहुत ही डिटेल में बनाया जाता है. जिसके लिए ड्राफ्टिंग , कम्पास , ट्रायंगल , पेन और पेंसिल का उपयोग किया जाता है. जिसका उपयोग वास्तुकला , भवन , उत्पादन और बिजली उपकरणों आदि के लिए ब्लूप्रिंट और इंजीनियरिंग योजनाओ के लिए किया जाता है. वर्तमान में ऑटोकैड का प्रयोग कम्पनी, प्रॉजेक्ट मैनेजर, इंटीरियर डिज़ाइनर आदि पेशेवर व्यक्तियो द्वारा किया जा रहा है.
ऑटोकैड का पूरा नाम
ऑटोकैड का पूरा नाम आटोमेटिक कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन है. AutoCAD एक 2D और 3D कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग एंड ड्राफ्टिंग सॉफ्टवेयर है. पूर्व में ऑटोकैड का प्रयोग मेनफ़्रेम और मिनी कम्प्यूटर में किया जाता था. जिसमे सभी ग्राफ़िक्स टर्मिनल पर अलग अलग कार्य करते थे.
ऑटोकैड का इतिहास
ऑटोकैड की शुरुआत 1977 से हुई. जिसे 1979 में इंटरैक्ट कैड नाम से लांच किया गया. जिसका जन्मदाता जॉन वॉकर को माना जाता है. इस सॉफ्टवेयर को ऑटोडेस्क नामक कंपनी ने दिसम्बर 1982 पर्सनल कम्प्यूटर में चलाने के लिए बनाया गया था. यह पहला कैड प्रोग्राम है. जिसका मोबाइल वर्शन वर्ष 2010 में लांच किया गया. इसका नाम भी इसके ऑप्शन्स के कारण ही रखा गया. जो उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए कमांड को आटोमेटिक ही समझ जाता है. वर्तमान में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ऑटोकैड के 33 वर्शन लांच किये जा चुके है. AutoCAD का उपयोग करने वाले डिज़ाइनर को ड्राफ्टर्स कहा जाता है.
ऑटोकैड का कार्य
ऑटोकैड एक बिल्डिंग डिजाइन सूट सॉफ्टवेयर है. जो बिल्डिंग को 3D डिज़ाइन करने की सुविधा प्रदान करता है. इसमें बिल्डिंग इनफॉरमेशन मॉडलिंग और कई टूल को एक साथ जोड़ा गया है. जिससे इंजीनियर को भवनों के डिजाइन उनके विजुलाजेशन और स्टिम्युलेट जैसे काम करने में काफी आसानी होती है। ऑटोकैड में सिर्फ भवनों के निर्माण क्षेत्र ही नहीं है. बल्कि मनोरंजन के क्षेत्र में भी काफी इस्तेमाल किया जाता है.
पहले के समय में जब भी लोगों द्वारा भवन, वाहन आदि का निर्माण किया जाता था तब भी उनकी बनावट तथा डिजाइनिंग की जाती थी. जिसके लिए पेपर पर हाथ से ड्राइंग बनायीं जाती थी. परन्तु ऑटोकैड में 3D एनीमेशन का उपयोग होने से उनका विजुलाजेशन भी देखा जा सकता है. जैसे भवनों के पाइपलाइन, बिजली का मॉडल, घरो के फर्नीचर आदि
ऑटोकैड के कोर्स
ऑटोकैड एक जॉब ओरिएंटेड कोर्स है.. सर्टिफिकेट कोर्सेज :- ये कोर्सेज दो से तीन महीनो के होते है. जिसमे प्रोग्राम को उपयोग करना सीखा जा सकता है. यहाँ नीचे कुछ डिज़ाइनिग कोर्स दिए गए है.
इंट्रोडक्टरी ऑटोकैड कोर्स :- इसमें विद्यार्थियों को बेसिक ज्ञान दिया जाता है जिसमे 2D डिज़ाइन के मेनू ऑप्शन्स, ड्राइंग, लेयरिंग, प्लांटिंग और एडिटिंग आदि के बारे में जानकारी दी जाती है
इंटरमीडिएट ऑटोकैड कोर्स :- इसमें बेसिक ज्ञान के साथ कुछ एडवांस ऑप्शन्स की जानकारी प्रदान की जाती है जैसे चिंग क्रॉस रेफेरेंस ब्लॉक, एट्रिब्यूट और टेबल्स के साथ 3D डिजाइनिंग आदि
एडवांस्ड ऑटोकैड कोर्स :- इसमें 3D डिजाइनिंग को समझने के बाद नेविगेशन और मॉडलिंग टूल के साथ ही लाइटिंग, मैपिंग, सॉलिड मॉडल बनाने उनको इम्पोर्ट और स्कैन करने की जानकारी दी जाती है.
ऑटोकैड कोर्स-ग्राफिक क्रिएशन :- इस कोर्स में ग्राफ़िक्स निर्माण की जानकारी दी जाती है. जैसे :- आकृतियाँ बनाना, फोटोग्राफ में बदलाव करना, विशेष प्रभाव डालना और वेब डिजाइनिंग आदि. इसके साथ ही फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर और ऑटोडेस्क आदि सॉफ्टवेयर को भी सिखाया जाता है.
ऑटोकैड कोर्स-ट्रेनिंग :- ऑटोकैड के कोर्स में ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है. जिसमे विद्यार्थियों को एक बड़े प्रोग्राम पूरा करना होता है. इसमें बेसिक ज्ञान के साथ ही एडवांस कुशलता को प्रदर्शित करना होता है. जिसके लिए एक निश्चित समय सीमा होती है.
इसके अलावा ऑटोकैड के सामान्य निम्न कोर्सेज भी है
डिप्लोमा इन ऑटोकैड, बैचलर इन प्लॅनिंग, डिप्लोमा इन आर्किटेक्चरल इंजिनीरिंग, मैकेनिकल इंजिनीरिंग डिप्लोमा, डिप्लोमा इन सिविल इंजिनीरिंग, बैचलर इन आर्किटेक्चर, ऑटोकैड, मास्टर डिप्लोमा इन, आर्किटेक्चरल कैड
ऑटोकैड के मुख्य क्षेत्र
ऑटोकैड सिविल, ऑटोकैड मकैनिकल, ऑटोकैड स्ट्रक्चरल डिटेलिंग, ऑटोकैड प्लांट3D, ऑटोकैड अर्चिटेक्चर, इंटीरियर डिज़ाइनर, ड्राफ्टर
ऑटोकैड क्या है विस्तार से समझाए?
ऑटोकैड एक कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग एंड ड्राफ्टिंग सॉफ्टवेयर है. जिसका उपयोग भवनों की डिज़ाइन के साथ साथ मैकेनिकल कार्यो जैसे मशीनों की डिज़ाइन और चित्रों को बनाने के लिए किया जाता है.इस सॉफ्टवेयर को ऑटोडेस्क नामक कंपनी ने दिसम्बर 1982 पर्सनल कम्प्यूटर में चलाने के लिए बनाया गया था. यह पहला कैड प्रोग्राम है
AutoCAD का Full Form क्या है?
ऑटोकैड का पूरा नाम आटोमेटिक कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन है. जिसका उपयोग वास्तुकला , भवन , उत्पादन और बिजली उपकरणों आदि के लिए ब्लूप्रिंट और इंजीनियरिंग योजनाओ के लिए किया जाता है. जो 2D और 3D कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग एंड ड्राफ्टिंग सॉफ्टवेयर है.
ऑटोकैड की शुरुआत कब हुए?
AutoCAD की शुरुआत 1977 से हुई. जिसे 1979 में इंटरैक्ट कैड नाम से लांच किया गया. AutoCAD का उपयोग करने वाले डिज़ाइनर को ड्राफ्टर्स कहा जाता है.
ऑटोकैड का जनक किसे कहा जाता है?
ऑटोकैड जन्मदाता जॉन वॉकर को माना जाता है. जिसने अपने 15 साथियों के साथ मिलकर इसे बनाया। यह पहला कैड प्रोग्राम था. इसका नाम भी इसके ऑप्शन्स के कारण ही रखा गया. जिसका मोबाइल वर्शन वर्ष 2010 में लांच किया गया.
इंट्रोडक्टरी ऑटोकैड कोर्स क्या होता है?
इसमें विद्यार्थियों को बेसिक ज्ञान दिया जाता है जिसमे 2D डिज़ाइन के मेनू ऑप्शन्स, ड्राइंग, लेयरिंग, प्लांटिंग और एडिटिंग आदि के बारे में जानकारी दी जाती है
इंटरमीडिएट ऑटोकैड कोर्स में क्या क्या सिखाया जाता है?
इसमें बेसिक ज्ञान के साथ कुछ एडवांस ऑप्शन्स की जानकारी प्रदान की जाती है जैसे चिंग क्रॉस रेफेरेंस ब्लॉक, एट्रिब्यूट और टेबल्स के साथ 3D डिजाइनिंग आदि
ऑटोकैड कोर्स-ट्रेनिंग कोर्स क्या होता है?
ऑटोकैड के कोर्स में ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है. जिसमे विद्यार्थियों को एक बड़े प्रोग्राम पूरा करना होता है. इसमें बेसिक ज्ञान के साथ ही एडवांस कुशलता को प्रदर्शित करना होता है. जिसके लिए एक निश्चित समय सीमा होती है.